बिहार,( कुलसूम फात्मा ) बिहार में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख की आबादी वाले शहरों में मेट्रो रेल चलाने का ऐलान किया है। जी हां पटना को मेट्रो रेल ही नहीं बल्कि मेट्रो रेल के साथ मेट्रो नियो रेल की भी सौगात मिल सकती है
वित्त मंत्री ने बजट में टायर दो सिटी यानी 20 लाख की जो आबादी वाले शहर हैं, उनमें मेट्रो नियो रेल चलाने का ऐलान किया जिसमें से पटना भी टायर 2 की कैटेगरी में आता है। बता दें की पहले से मेट्रो रेल के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। मगर बहुत ज्यादा आबादी वाले इलाकों में मेट्रो नियो रेल या फिर मेट्रोलाइट रेल की परमिशन मिल सकती है। इसकी उम्मीद इसलिए भी अधिक है क्योंकि नई दिल्ली में मेट्रो रेल का जाल बिछा होने के बाद भी वहां पर वर्तमान में मेट्रो नियो प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी गई है।
मंत्रालय ने जल्द ही नीयो मेट्रो का प्रक्षेपण किया है। और राजधानी जैसी ज्यादा आबादी वाले सिटी में नियो मेट्रो का ऑपरेशनल अधिक आसानी के साथ सुलभ है और रबड़ के टायर पर चलने वाली तीन कोच वाले मेट्रो स्टेशन कैंपस के लिए बड़े स्थान की आवश्यकता नहीं होती है यह रोड की सतह पर भी चल सकती है। इसमें खर्च भी मेट्रो के कंस्ट्रक्शन लागत से तकरीबन 40% तक काम आता है और इसमें प्रत्येक कोच में 200 से 300 लोग यात्रा कर सकते हैं। अधिकारियों ने बताया वर्तमान समय में मेट्रो नियो रेल के लिए किसी खास शहरों के नाम अभी नहीं बताए गए हैं। अगले 1 पखवारे में इस दिशा में स्थिति को साफ कर दिया जाएगा।
राजधानी में मेट्रो कार्य में तेजी आएगी
बता दें के पटना में 2 रूटों पर पहले से ही मेट्रो को चलाने के प्लान को मंजूरी दे दी गई है। इसके का निर्माण के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के साथ नवम्बर की 25, 2019 को एमओयू भी हो चुका है। सर्वप्रथम कोरिडोर एक में मलाही पकड़ी से नए बस स्टैंड आईएसबीटी तक मेट्रो परिचालन प्रारंभ होना है, जिसके लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य चल रहा है गेट ट्रैक बिछाने से लेकर निविदा निकाली जा चुकी है। इसके निर्माण में तकरीबन 13,365.77 करोड़ रुपए खर्च होने हैं, जिसके लिए पहले से ही मंजूरी मिल गई है।
आइए जानते हैं मेट्रो नियो की खासियत
20 लाख तक की आबादी वाले सिटी में चलाने की स्वीकृति
40% कम लागत आती है और सामान्य मेट्रो रेल की तुलना में
यह 3 कोच वाली होती है इसमें रबड़ के टायर लगे होते हैं और 700 से 800 लोग इसमें सफर कर सकते हैं।