लॉकडाउन में बंद हुए रेलवे कैंटीन अब खाने जा रहे हैं। जल्द ही रेल कर्मियों को भोजन अवकाश में नाश्ता के लिए रेलवे परिसर से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। रेलवे के दफ्तर और कारखानों में बंद पड़े कैंटीन को खोलने की तैयारी शुरू कर दी गई है। कर्मचारियों की मांग और परेशानी को देखते हुए ऑल इंडिया रेलवे मेंस फाउंडेशन (एआईआरएफ) के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को पत्र लिखा है।
एआईआरएफ के महामंत्री ने पत्र के माध्यम से कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराया है। उनका कहना है कि लॉकडाउन के बाद देशभर में ट्रेन चलने लगी स्टेशनों पर यात्रियों को मनपसंद नाश्ता और भोजन मिलने लगा। ट्रेनों में भी खानपान की पैक्ड सामग्री मिल रही है लेकिन रेलकर्मी आज भी दफ्तरों और कारखानों में चाय और कॉफी के लिए तरस रहे हैं। कैंटीन नहीं खोलने से कर्मचारी की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। कारखानों की स्थिति तो बेहद खराब है। दिन भर लगातार कार्य करने वाले कर्मियों को चाय तक नहीं मिल पा रही हैं। जानकारों का कहना है रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे सहित भारतीय रेलवे के सभी कैंटीन कम्युनिटी हॉल और इंस्टिट्यूट को खोलने की तैयारी शुरू कर दी है। जनवरी में ही रेल कर्मियों को इसकी सुविधा मिलने शुरू हो जाएगी।
एआईआरएफ के महामंत्री ने पत्र के माध्यम से कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराया है। उनका कहना है कि लॉकडाउन के बाद देशभर में ट्रेन चलने लगी स्टेशनों पर यात्रियों को मनपसंद नाश्ता और भोजन मिलने लगा। ट्रेनों में भी खानपान की पैक्ड सामग्री मिल रही है लेकिन रेलकर्मी आज भी दफ्तरों और कारखानों में चाय और कॉफी के लिए तरस रहे हैं। कैंटीन नहीं खोलने से कर्मचारी की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। कारखानों की स्थिति तो बेहद खराब है। दिन भर लगातार कार्य करने वाले कर्मियों को चाय तक नहीं मिल पा रही हैं। जानकारों का कहना है रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे सहित भारतीय रेलवे के सभी कैंटीन कम्युनिटी हॉल और इंस्टिट्यूट को खोलने की तैयारी शुरू कर दी है। जनवरी में ही रेल कर्मियों को इसकी सुविधा मिलने शुरू हो जाएगी।
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